समास
आज इस पोस्ट में आप पढ़ने वाले हैं समास के बारे में। समास को अंग्रेज़ी मेंं Compound (कंपाउंड)भी कहते हैं। यह हिंदी भाषा का सबसे महत्वपूर्ण विषय है जो सभी विद्यार्थियों के लिए आवश्यक है।
समास क्या है?
दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नये और सार्थक शब्द को समास कहते हैं।
समास के प्रकार:
- अव्ययीभाव समास
- तत्पुरुष समास
- कर्मधारय समास
- द्विगु समास
- द्वंद्व समास
- बहुव्रीहि समास
अव्ययीभाव समास
जिस समास का पहला पद अव्यय तथा प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं।
Tip: पहला पद छोटा - प्रधान
उदाहरण: -
- प्रतिदिन = प्रति + दिन
- सहर्ष = स + हर्ष
- यथासंभव = यथा + संभव
- प्रतिकूल = प्रति + कूल
Note: एक ही शब्द कईं बार आने पर भी अव्ययीभाव समास होता है।
जैसे: -
- हाथों - हाथ = हाथ + हाथ
- दिनों - दिन = दिन + दिन
तत्पुरुष समास
जिस समास में दूसरा पद प्रधान होता है तथा दोनों पदों के बीच का कारक चिन्ह लुप्त हो जाता है उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
Tip: इसका दूसरा पद छोटा होता है - प्रधान
उदाहरण: -
- राजकुमार = राज का कुमार
- राजपुत्र = राजा का पुत्र
- यशप्राप्त = यश को प्राप्त
- करुणापूर्ण = करुणा से पूर्ण
- यज्ञशाला = यज्ञ के लिए शाला
- पापमुक्त = पाप से मुक्त
- शिवालय = शिव का आलय
- पुरुषोत्तम = पुरुषों में उत्तम
तत्पुरुष समास के भेद:
तत्पुरुष समास के ६ भेद होते हैं: -
- कर्म तत्पुरुष - "को" का लोभ
- करण तत्पुरुष - "से" और "के द्वारा" का लोभ होता है
- सम्प्रदान तत्पुरुष - "के लिए" का लोभ
- अपादान तत्पुरुष - "से" (अलग होने) का लोभ
- संबंध तत्पुरुष - का, कि, के का लोभ
- अधिकरण तत्पुरुष - "में" और "पर" का लोभ
कर्मधारय समास
जिस समास का उत्तर पद प्रधान होता है तथा पूर्व पद और उत्तर पद में उपमान - उपमेय तथा विशेषण - विशेष का संबंध होता है उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
Tip: -
1. पहला पद विशेषण
2. दूसरे पद की तुलना होती है
3. विग्रह करने पर मध्य में "है जो" और "के समान" शब्द आते हैं।
उदाहरण: -
- चरणकमल = चरणों के समान कमल
- महापुरुष = महान है जो पुरूष
- मृगनयन = मृग के समान नयन
- लालमणि = लाल है जो मणि
द्विगु समास
जिस समास का पहला पद संख्यावाचक होता है, वह द्विगु समास कहलाता है।
Tip: संख्या वाले शब्दों का प्रयोग।
उदाहरण: -
- चौराहा = चार राहों का समूह
- त्रिकोण = तीन कोणों का समूह
- तिरंगा = तीन रंगों का समूह
द्वंद्व समास
जिस समास के दोनों पद प्रधान होते हैं तथा विग्रह करने पर "और", "अथवा", "या", "एवं" लगता है, वह द्वंद्व समास कहलाता है।
Tip: दोनों शब्द एक दूसरे के बराबर या उल्टे होते हैं।
उदाहरण: -
- पाप - पुण्य = पाप और पुण्य
- सुख - दुख = सुख और दुख
- माता - पिता = माता और पिता
- गुण - दोष = गुण और दोष
बहुव्रीहि समास
इस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता है, दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं। इसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
Tip: विग्रह करने पर तीसरा अर्थ निकलता है।
उदाहरण: -
- चतुर्भुज = चार है भुजाएं जिसकी (विष्णु)
- लंबोदर = लंबा है उदर जिसका (गणेश)
- दशानन = दस आनन है जिसके (रावण)
- गिरिधर = गिरी को धारण करने वाले (कृष्ण)
Note: यदि प्रश्न ऐसा दिया गया है जिसमें आपको कर्मधारय, द्विगु तथा बहुव्रीहि चुनना पड़े। तब आपको बहुव्रीहि को ही चुनना है। जैसे - नीलकंठ
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